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भारत में शुरू वायरस का कहर , चेन्नई, अहमदाबाद के बाद अब महाराष्ट्र में मिले वायरस के रोगी, जाने बचने का उपाय

By primekhabari.in

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भारत में शुरू वायरस का कहर,हाल ही में भारत के कुछ हिस्सों, विशेषकर चेन्नई, अहमदाबाद और महाराष्ट्र में एचएमपीवी (Human Metapneumovirus) वायरस के मामले सामने आए हैं। यह वायरस मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और इसके लक्षण सामान्य सर्दी जुकाम जैसे ही होते हैं, जैसे कि बुखार, खांसी, नाक बहना और गले में खराश।

अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से दी गई है। किसी भी चिकित्सा संबंधी सलाह के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

एचएमपीवी वायरस कैसे फैलता है?

एचएमपीवी वायरस एक सामान्य सर्दी जुकाम जैसी बीमारी का कारण बनता है। हालांकि, शिशुओं और बुजुर्गों में यह गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए, इस वायरस से बचाव के लिए उपरोक्त बताए गए उपायों को अपनाना बहुत जरूरी है। अगर आपको इस वायरस के संक्रमण के कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

निष्कर्ष:

अगर आपके बच्चे में इन लक्षणों के साथ-साथ भूख न लगना, उल्टी या दस्त जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

अगर आपको बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ या छाती में दर्द जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

कब डॉक्टर को दिखाएं:

टीकाकरण: शिशुओं के लिए एचएमपीवी का टीका उपलब्ध है, जिसके बारे में आप अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं।

स्वस्थ आहार: स्वस्थ आहार लें और पर्याप्त नींद लें।

स्वच्छता का ध्यान रखें: अपने आसपास के वातावरण को साफ-सुथरा रखें।

दूरी बनाएं: संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें।

मुंह और नाक ढकें: खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रुमाल या कोहनी से ढकें।

हाथों की नियमित रूप से सफाई: साबुन और पानी से या अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर से हाथों को बार-बार धोएं।

एचएमपीवी वायरस से बचाव के उपाय:

इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज्ड व्यक्ति: जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, उनमें भी इस वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक होता है।

बुजुर्ग: बुजुर्गों में भी इस वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक होता है, खासकर जिन लोगों को पहले से ही कोई स्वास्थ्य समस्या हो।

शिशु और छोटे बच्चे: शिशु और छोटे बच्चे इस वायरस के संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

कौन अधिक संक्रमित होने का खतरा रखता है?

यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से निकलने वाली छोटी बूंदों के माध्यम से फैलता है। इसके अलावा, संक्रमित सतहों को छूने और फिर मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी यह संक्रमण फैल सकता है।

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