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निर्जला एकादशी के बारे में जानने वाली महत्वपूर्ण बाते , 17 जून 2024

By primekhabari.in

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निर्जला एकादशी क्या है?

निर्जला एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। नाम से ही स्पष्ट है कि इस व्रत में जल का सेवन नहीं किया जाता है।

निर्जला एकादशी का महत्व

निर्जला एकादशी का महत्व बहुत अधिक है। इसे भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से साल भर की सभी एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है। भक्त भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं।

व्रत के नियम

निर्जला एकादशी व्रत के कुछ विशेष नियम होते हैं। इस दिन भक्त पूरे दिन और रात बिना जल और भोजन के रहते हैं। व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत कथा सुनी जाती है। अगले दिन द्वादशी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है।

निर्जला एकादशी की कथा

निर्जला एकादशी की कथा भीमसेन से जुड़ी हुई है। भीमसेन ने इस व्रत को धारण किया जिससे उन्हें साल भर की एकादशियों का पुण्य प्राप्त हुआ। यह कथा भीमसेन को भगवान वेदव्यास ने सुनाई थी।

व्रत का फल

निर्जला एकादशी व्रत को करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत आत्मशुद्धि और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का एक माध्यम है।

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