अमेरिका की सच्चाई
अमेरिका का दोहरा मापदंड अब दुनिया समझने लगी है । इसलिए आज दुनिया में अमेरिका अपनी साख खो रहा है । जैसे की अमेरिका की अमेरिका भारत के आंतरिक मामले में चाहे CAA की बात या अरविन्द केजरीवाल की गिरफ्तारी पैर बोल पड़ा । जबकि इन दोनों मामले में अमेरिका का उससे कुछ लेना देना नहीं है।
यही अमेरिका जब पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान और उनकी बेगम की गिरफ्तारी हुयी तो कुछ नहीं बोलता , वही इमरान खान की प्रत्यु PTI को चुनौ नहीं लड़ने दिया गया । पाकिस्तान और जम्हूरियत दोनों एक दूसरे के ठीक विपरीत हैं , लेकिन लोकतंत्र का झंडाबरदार बना अमेरिका इणरां खान के मामले में चुप्पी साध लेता हैं, एक सब्द तक मुँह से नहीं निकलता
अभी रूस के मामले को ही लीजिये , रूस के राजधानी मास्को में आतंकवादी हमला हुआ ये बात अमेरिका को पहले से पता थी इसलिए ने रूस में रहने वाले अपने दूतावास के आगाह कर दिया लेकिन , रूस के सर्कार को ये जानकारी नहीं अगर ये जानकारी अमेरिका अफ्ले पहले ही बता देता तो सायद 150 लोगो की जान बच जाती।
वैश्विक राजनीती में बहुत सारे पेंच है , हां ये बात अलग है की पेंच को कास केवल प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी ही कास सकते है। इसलिए तो हाल ही में यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कह दिया की जिस टेबल पैर नरेंद्र मोदी बैठ जाते हैं उस टेबल पैर अन्य नेता सुरक्षित और सहज महसूस करने लगते हैं। हालाँकि आपको लग रहा होगा की छोटे से देश का विदेश मंत्री क्या कह रहा है , लेकिन यही छोटे से डेढ़ ने रूस के साथ लोहा ले रहा हैं।
वैश्विक राजनीती में कूटनीति के स्टार से देशों को मापा जाता हैं नाकि उसको भगौलिक चैत्र से